शामली। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद वहां पढ रहे भारतीय बच्चों के माता-पिता के मन में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर लगातार चिंता बढती जा रही है। अपने बच्चों को सकुशल यूक्रेन से बाहर निकालने की मांग को लेकर रविवार को दर्जनों अभिभावकों ने शहर के शिव चौंक पर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कई मांओं की आंखों में लगातार आंसू बहते रहे। बेहाल मांओं का कहना था उनके बच्चे कई दिन से भूखे-प्यासे यहां वहां भटक रहे हैं, न जाने उन्हें कौन खाना दे रहा होगा। आंसू से भरी आंखों के बीच मांओं ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द उनके जिगर के टुकडों को वापस लेकर आए। मौके पर पहुंची पुलिस व एसडीएम ने अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया लेकिन अभिभावक डीएम को मौके पर बुलाने की मांग पर अड गए। बाद में डीएम जसजीत कौर भी मौके पर पहुंची तथा अभिभावकों को जल्द से जल्द बच्चों को सकुशल वापस लाए जाने का आश्वासन दिया जिसके बाद अभिभावकों ने धरना समाप्त कर दिया।
जानकारी के अनुसार शामली जिले के दर्जनों बच्चे यूक्रेन में एमबीबीएस की पढाई कर रहे हैं। तीन दिन पूर्व रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था जिसके चलते शामली के बच्चों सहित हजारों अन्य बच्चे भी यूक्रेन में ही फंस गए हैं। बहुत से बच्चे ऐसी जगह फंसे हुए हैं जहां रूस लगातार बमबारी कर रहा है। अपनी जान बचाने के लिए बच्चे यहां वहां भटकते फिर रहे हैं, कोई बंकरों में छिपा हुआ है तो कोई मेट्रो स्टेशन पर शरण लिए हुए है। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले से वहां एमबीबीएस की पढाई कर रहे भारतीय बच्चों के परिजनों में भी चिंता बढती जा रही है। हालांकि सरकार भारतीय बच्चों को वहां से निकालने के लिए पूरे प्रयास कर रही है लेकिन अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति अभिभावकों की चिंता लगातार बढती जा रही है। रविवार को अपने बच्चों को यूक्रेन से सकुशल बाहर निकालने की मांग को लेकर दर्जनों अभिभावकों ने शहर के शिव चौंक पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान मांओं की आंखों में अपने बच्चों को लेकर आंसू साफ नजर आए। मांओं ने रोते हुए हाथ जोडकर अपने बच्चों को सकुशल यूक्रेन से वापस लाने की गुहार लगायी। इन मांओं का कहना था कि उनके बच्चे कई दिन से यूक्रेन में फंसकर भूखे-प्यासे यहां वहां भटक रहे हैं, न जाने उन्हें कौन खाना दे रहा होगा। इस दौरान अभिभावकों की मांग की थी कि सरकार जल्द से जल्द उनके बच्चों को यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकाले। अभिभावकों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार से मार्मिक गुहार लगायी। अभिभावकों के धरना प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में व्यापारी भी पहुंच गए तथा उन्होंने भी अभिभावकों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार से बच्चों को सुरक्षित भारत लाने की मांग की। सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची तथा अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया, इसके बाद एसडीएम भी वहां पहुंचे लेकिन अभिभावकों ने डीएम को मौके पर बुलाने की भी मांग की जिसके बाद डीएम जसजीत कौर तुरंत मौके पर पहुंची तथा अभिभावकों को आश्वासन दिया कि शामली जनपद के अधिकारी भी बच्चों को वापस लाने के लिए जुटे हुए हैं। डीएम ने कहा कि शामली जिले के 12 बच्चे ऐसे हैं जो यूक्रेन की मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढाई कर रहे हैं, युद्ध के कारण यूक्रेन की स्थिति खराब होने के कारण ये बच्चे वहां पर फंस गए हैं, धरने पर बैठे बच्चों के अभिभावकों से बातचीत की गयी है, कंट्रोल रूम के नंबर भी अभिभावकों को दिए गए हैं, अभिभावको की जो भी समस्याएं हैं जैसे बार्डर पर जो बच्चे फंसे हुए हैं, उनके खाने पीने की व्यवस्था हो और उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाए। डीएम ने कहा कि इस संबंध में शासन को भी अवगत कराया गया है, साथ ही भारतीय एबेंसी में जो अधिकारी हैं, उनसे बात कर जल्द से जल्द बच्चों को वापस लाया जाएगा। डीएम के इस आश्वासन के बाद अभिभावकों को कुछ संतोष मिला और उन्होंने धरना समाप्त कर दिया। इस मौके पर अभिभावक प्रभात भार्गव, पंकज जैन सहित अन्य अभिभवकों के साथ-साथ व्यापारी नेता घनश्यामदास गर्ग, अंकित गोयल, विजय कौशिक, मोहित जैन, यशपाल पंवार, सहित अन्य व्यापारी भी मौजूद रहे।
रिपोर्ट :- सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी जनपद शामली उ०प्र०।