भाकियू ने सरकार पर किसानों के वादे पूरे न करने का आरोप लगाया,-  कृषि आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमें भी वापस नहीं ले रही सरकारः कपिल खाटियान ,  वादों को पूरा न किया गया तो आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगी भाकियू

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शामली। भारतीय किसान यूनियन ने केन्द्र सरकार पर कृषि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमों सहित कई अन्य वादों को पूरा न करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही सरकार ने लिखित वादों को पूरा न किया तो भाकियू आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
जानकारी के अनुसार सोमवार को भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने बताया कि सयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केन्द्र सरकार की किसान विरोधी कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने ओर अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अभूतपूर्व आंदोलन चलाया, इस आंदोलन के चलते तीनों कृषि कानून रद्द किया गया। उसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने 21 नवम्बर 2021 को प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर बकाया छह मुद्दों की तरफ उनका ध्यान आकृष्ट किया। इसके जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल ने 9 दिसम्बर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के नाम एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कुछ मुद्दों पर सरकार की ओर से आश्वासन दिए और आंदोलन को वापस लेने का आग्रह किया। इस चिट्टी पर भरोसा करके संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के बार्डर पर लगे मोर्चा और तमाम धरना प्रदर्शनों को 11 दिसम्बर से उठा लेने का निर्णय लिया था लेकिन एक बार फिर देश के किसानों के साथ धोखा किया गया। सरकार के 9 दिसम्बर के जिस पत्र के आधार पर मोर्चे ने धरना उठाने का फैसला किया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है इसलिए पूरे देश के किसानों ने सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाने का फैसला किया। कपिल खाटियान ने कहा कि चिट्ठी में वादा किया गया था कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमें वापस लिए जाएंगे। मुकदमें वापस लेने की सहमति उत्तर प्रदेश, उत्तराखंउ, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की गयी है लेकिन केस वापस लेने के आश्वासन पर नाममात्र की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। किसानों को लगातार केसों के समन आ रहे हैं। सिर्फ हरियाणा सरकार ने कुछ कागजी कार्रवाई की है और केस वापस लेने के कुछ आदेश भी जारी किए हैं। भारत सरकार ने अन्य राज्यों से भी किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने की अपील की बात कही थी लेकिन सरकार की तरफ से कोई चिट्ठी नहीं गयी। वहीं लखीमपुर खीरी कांड में एसआईटी की रिपोर्ट में षडयंत्र की बात स्वीकार करने के बावजूद भी इस कांड के प्रमुख षडयंत्रकारी अजय मिश्र टेनी का केन्द्रीय मंत्रिमंडल में बना रहना हर संवैधानिक व राजनैतिक मर्यादा के खिलाफ है। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि सत्ता में बैठे लोग किसानों के धैर्य की परीक्षा न लें तथा लिखित में किए वादों को जल्द पूरा करें अन्यथा भाकियू आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी। इस मौके पर एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया। मौके पर संजीव राठी, योगेन्द्र पंवार, अक्षय राणा, सुधीर कुमार, डा. उदयवीर सिंह, चौ. शौकेन्द्र, ब्रहमपाल सिंह, देवराज पहलवान, गुड्डूु बनत, इरफान, आजाद, मनोज तोमर, डा. वसीम, ब्रजपाल फौजी, शांता प्रधान आदि भी मौजूद रहे।
रिपोर्ट :-  सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी जनपद शामली उ०प्र०।