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2011 की जनगणना के आधार पर कराए जाएं दिल्ली के निगम चुनाव : यमुनापार युवा मंच

दिल्ली। यमुनापार युवा मंच ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस वर्ष (2022 ) दिल्ली के होने वाले निगम चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर कराये जाएं । क्योंकि दिल्ली का भूगोल पिछले 20 साल में इतना बदल गया है कि यहाँ की 70 विधानसभा व 272 वार्डों के पुनर्मूल्यांकन की नितांत आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इस संदर्भ में मंच के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन जैन का कहना है कि 2017 के निगम व 2020 के विधासभा चुनाव में भी यह मांग उठी थी मगर आयोग ने इस ओर कोई संज्ञान नही लिया था। और चुनाव 2001 की जनगणना के आधार पर ही करा डाले थे।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान के बदलते परिवेश में 2011 के बाद 2021 की जनगणना भी प्रभावी होने के नजदीक है। इसलिए यमुनापार युवा मंच की दिल्ली चुनाव आयोग से मांग है कि इस वर्ष (2022 ) होने वाले दिल्ली के निगम चुनाव कम से कम 2011 की जनगणना के आधार पर कराए जाएँ। क्योंकि यदि 2017 की तरह इस बार भी निगम चुनाव 2001 की जनगणना के आधार पर ही कराए गये तो चुनाव आयोग का वह फैसला डेढ़ करोड़ से अधिक दिल्लीवासियों के साथ बेहद अन्यायपूर्ण फैसला होगा।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2001 में जिन वार्डों में दलित मतदाता ज्यादा थे वहां अब कम हो चुके हैं तो बहुत से वार्ड ऐसे हैं कि जहाँ पहले कम थे वहां अब बढ़ चुके हैं | इसलिए निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया के लिए वार्डों का चुनाव से पहले मूल्यांकन होना बेहद आवश्यक है। यह भी स्मरणीय है कि 2017 के निगम चुनाव में लगभग 1 करोड़ 32 लाख मतदाता थे तो अब दिल्ली में लगभग 1, 48 ,99, 159 मतदाता बताए जा रहे हैं । अतः प्रमाणिक तथ्य हैं कि यदि 2011 की जनगणना के आधार पर दिल्ली में वार्डों का पुनः मूल्यांकन कर आगामी निगम चुनाव हुए तो चुनावी समीकरण भी बदल सकते हैं।

रिपोर्ट :-  सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली प्रदेश।

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