देहरादून। संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के 75 वे अवतरण दिवस के उपलक्ष में प्रातकालीन बेला में जैन धर्मशाला में विराजमान जैन आचार्य 108 श्री विबुद्ध सागर जी महाराज एवम क्षुल्लक 105 श्री समर्पण सागर जी महाराज के सानिध्य में वीर प्रभु का अभिषेक शांतिधारा, आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का पूजन किया गया। उसके बाद आचार्य श्री के जीवन के बारे में कुछ विशेष कार्यों को लेकर चर्चा की गई।
इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज विश्व के अंदर हम क्यों आचार्य विद्यासागर जी महाराज का इतना मान और इतना आदर सम्मान करते हैं। भारत को भारत बनाने में आचार्य विद्यासागर जी महाराज बहुत ही पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। ,साथ साथ हथकरघा जिसे महाराज जी ने चल चरखा नाम दिया है, उसके माध्यम से सूती वस्त्र बनाने का काम कराया जा रहा है,कपड़ो में केमिकल के कारण हम विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार हो रहे है। बीमारियों से बचाने में हिंदुस्तान के अंदर अनेक जेलों में कैदियों से ये कपड़ा तैयार कराया जा रहा है। आचार्य श्री जबल पुर के पास तिलवाड़ा घाट में विराजमान है। जहां पर वे आठ सौ बिस्तर का एक आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज और लड़कियों के लिए होस्टल बना रहे है। जहां विभिन्न रोगों के उपचार हेतु “पूर्ण आयु ” आयुर्वेदिक अनुसंधान केंद्र का निर्माण कार्य जारी है। बच्चियों को संस्कार वान बनाने हेतु प्रतिभा स्थली का भी निर्माण किया जा रहा है। गौ वंश संवर्धन हेतु पूरे भारत वर्ष में तीन सौ गऊ शालाओं का संचालन कराया जा रहा है। पूजन के बाद जैन भवन के मुख्य द्वार पर भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमे हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया । इस अवसर पर दिगंबर जैन महासमिति ,जैन मिलन शिवालिक,सौरभ सागर सेवा समिति के पदाधिकारियों का सहयोग रहा। इस मौके पर दिगंबर जैन महासमिति के संभागीय अध्यक्ष श्री राजेश जैन, एस के जैन मुकेश जैन अमित जैन अभिषेक जैन,जैन समाज के मंत्री हर्ष जैन जैन भवन के मंत्री संदीप जैन,अशोक जैन,सुधीर जैन , सुनील जैन, विनय जैन, राकेश जैन बालेश जैन उत्तराखंड जैन समाज के अध्यक्ष सुखमाल चंद जैन महामंत्री लोकेश जैन सहित जैनसमाज के सदस्य उपस्थित रहे।