उत्तराखण्ड

बारिश से रूद्रपुर में 40 हजार हेक्टेयर की खेती प्रभावित

रुद्रपुर। दो दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश ने किसानो को सबसे ज्यादा झटका दिया है। हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसल नष्ट होने की कगार पर है। धान, उड़द, लाही एवं सब्जियों के खेतों में जल भराव हो गया है। काफी अधिक मात्रा में खेती एवं फसल तबाह होने की चिंता किसानों को परेशानी में डाल दिया है।
ऊधम सिंह नगर में करीब एक से डेढ़ लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। करीब 90 हजार किसान पंजीकृत हैं। रविवार शाम से लगातार हो रही झमाझम बारिश से पूरा शहर, गांव, खेत पानी से लबालब भर गया है। मंगलवार 11 बजे तक बारिश होती रही।जिले में एक लाख तीन हजार हेक्टेयर में इस बार धान लगाई गई है। सबसे अधिक खटीमा, सितारगंज में शुरुआत में धान रोपे गए थे। जिसके चलते अब तक यानी बारिश के पहले तक की बात करें तो 80 से 90 फीसद धान की कटाई खटीमा में और 40 फीसद सितारगंज में कटाई हुई है, लेकिन रुद्रपुर, काशीपुर, बाजपुर, जसपुर और गदरपुर में अब तक सिर्फ 10 से 15 फीसद कटाई हुई है। जबकि 90 प्रतिशत धान का फसल खेतों में खड़े हैं और बारिश के चलते कई हेक्टेयर में जमीन में फसल बिछ गई है।मौसम विज्ञानिकों के अनुसार अब तक 200 मिली मीटर से अधिक बारिश हो चुकी है। जगह-जगह जल भराव और खेतों में भी काफी जल भराव हुआ है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ अजय वर्मा ने बताया कि कुल लगभग 30 से 35 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित होने की आशंका है। धान की खेती की बात करें तो दस फीसद के लगभग नुकसान का आकलन किया गया है। हालांकि खेतों में से पानी हटने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है कि कितना नुकसान हुआ है। दलहन में उड़द और मटर जिनकी बुआई हाल में ही की गई थी, वह करीब 50 फ़इसड नष्ट हो चुके हैं। लाही की फसल 40 फीसद अब तक बर्बाद हुआ है। बारिश से हुए नुकसान का आकलन अभी किया जा रहा है। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि सब्जियों के खेतों में बारिश से जलभराव है। पानी जल्द निकल जायेगा तो नुकसान नहीं होगा। काफी समय से तेज धूप के चलते पानी की आवश्यकता थी। गोभी, टमाटर, लौकी, बैंगन, भिंडी, सभी मे जलभराव नहीं हटा तो नुकसान होने की आशंका है। हाल ही में मटर की बुआई को जलभराव खराब कर देगा।

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