उत्तराखण्ड में बड़ा राजनीतिक धमाकाःयशपाल आर्य ने की बेटे संग कांग्रेस में वापसी

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देहरादून। राजनीति का ॰ऊंट कब किस करवट बैठ जाए कुछ कहा नही जा सकता। अब तक कांग्रेस व अन्य निर्दलीय विधायकों को भाजर्पा में शामिल कर अपनी पीठ थपथपा रही भाजपा को चुनाव से ऐन पहले पड़ा झटका लग गया है। काबीना मंत्री यशपाल आर्य ने अपने बेटे संग कांग्रेस में वापसी कर ली है। चुनाव के ऐन समय भाजपा के सिर पर एक प्रकार का राजनीतिक बम फूटा है। इससे प्रदेश के राजनीतिक समीकरण भी तेजी से बदलेंगे ऐसे कयास लगाए जा रहे है।
उत्तराखंड की राजनीति में सोमवार को बड़ा उलटफेर हुआ है। बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने पार्टी छोड़ दी है। आर्य ने कांग्रेस में वापसी की है। थोड़ी देर पहले दिल्ली में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की उपस्थिति में प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की गई। इस दौरान पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी दिल्ली में मौजूद रहे।
2016 में सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा, अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन, कुंवर प्रणव चौंपियन, सुबोध उनियाल, प्रदीप बत्रा, और उमेश शर्मा काऊ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य को उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और हरीश रावत ने कांग्रेस ज्वाइन कराई। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इन दोनों की कांग्रेस ज्वाइन करने की घोषणा की। यशपाल आर्य उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री थे. उनके पास समाज कल्याण और परिवहन जैसे भारी-भरकम विभाग थे। ठीक चुनाव से पहले यशपाल आर्य ने बीजेपी छोड़ दी है। ऐसा माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के कारण मैदानी इलाकों में स्थितियां बदली हैं। यशपाल आर्य बाजपुर से विधायक हैं। बाजपुर ऊधमसिंह नगर जिले में की विधानसभा सीट है। ये सीट मैदानी इलाके में आती है। इन इलाकों में किसान आंदोलन का ज्यादा असर है। अगी ऐसा हुआ तो प्रदेश के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल जाएंगे।