राम वनवास की लीलाओं का मार्मिक मंचन

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रामलीला कमैटी मंडप पंचवटी रजि0 के तत्वावधान में आयोजित श्री रामलीला महोत्सव में दशरथ कैकयी संवाद तथा श्री राम वनवास की लीलाओं का मार्मिक मंचन किया गया।
श्री रामलीला मैदान कैराना रोड पर श्री रामलीला कमेटी मंडप पंचवटी के द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के दौरान अयोध्या में श्री राम के राज्याभिषेक की तैयारियां चल रही हैं। हर तरफ खुशी का माहौल है। इस बीच महाराज दशरथ को सूचना मिलती है कि महारानी कैकेयी को कोप भवन में पड़ी हैं। ये सुनकर महाराज दशरथ उन्हें मनाने के लिए वहां पहुंचते हैं। कैकेयी उन्हें उनके वचनों को याद दिलाती है। इसी दौरान दोनों में संवाद शुरू होता है। कैकेयी महाराजा दशरथ से श्री राम को वन और भरत को अयोध्या का राजा बनाने की मांग रखती है। ये सुनकर राजा दशरथ के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। जब यह बात भगवान राम को पता चलती है कि तो वह खुशीपूर्वक वन जाना स्वीकार कर लेते हैं। राम के साथ वन जाने के लिए सीता व लक्ष्मण भी तैयार हो जाते हैं। तीनों ने जब वन के लिए प्रस्थान किया तो पूरी अयोध्यानगरी रो पड़ती है। यह दृश्य देखकर पंडाल में मौजूद दर्शक भी भावुक हो गए। श्रीराम के वनवास जाने के बाद पुत्र के वियोग में तड़प रहे राजा दशरथ जंगल में सुमंत को श्रीराम को वापस अयोध्या लाने के लिए भेजते हैं। मगर श्रीराम लौटने से इन्कार कर देते हैं और कहते हैं कि उनके पिता को संदेश देना कि वह उनकी चिंता न करें। लोग राजा दशरथ को धीरज बंधाते हैं। इस पर राजा दशरथ कहते हैं कैसे अब धीर धरूं, किस बात पर आए सब्र, राम वन को चल दिए, हमको बिलखता छोड़कर.। अंत में पुत्र वियोग में राजा दशरथ अपने प्राण त्याग देते हैं। इस दौरान रानी कैकेयी के रूप में श्याम कुमार सिंघल, मंथरा प्रमोद शर्मा, दशरथ के रूप में सर्वेश वर्मा ने बहुम मार्मिक मंचन किया। मंचन के दौरान रामलीला कमेटी के रामलीला कमेटी के प्रबन्धक रामकुमार सिंघल, उपाध्यक्ष मेहरचंद सिंघल, सचिन शर्मा, अशोक महेश्वरी, राजेन्द्र आचार्य, नीरज गोयल, लोकेश गोयल, मनीष गोयल, धनप्रकाश गोयल, श्याम कुमार सिंघल, नीरज गुप्ता, प्रमोद शर्मा, अमित गर्ग, अमन मित्तल, शिवम गोयल, निखिल महेश्वरी आदि लोग शामिल रहे।