गंगोह। शोभित विवि में शिक्षक दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी सशक्त रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। कवि सुरेश सपन को विजेन्द्र साहित्य साधक सम्मान से सम्मानित किया गया।
शुरुआत कवि मोहित संगम की रचना कतरा कतरा सदा लहू का भारत का जयगान कहेगा, हम चाहे मिट भी जायेंगे लेकिन अमर सदा हिन्दुस्तान रहेगा से हुई। कवि सुरेश सपन ने अपनी रचना पढ़ी – न हो दिल में खुशी तो हंसना हंसाना भूल जाते है, लबो पर तो सजा लेते हे बंदरबार मगर पलकों से आंसू हटाना भूल जाते है। डाॅ. विजेन्द्र पाल शर्मा ने प्रेरणा देते हुए कहा कि मत जी लाचारी में, श्रम के गहने रख तन की अलमारी में, और बडा मुश्किल है दुनिया की दौलत लूट के खाने में, पसीने छूट जाते है मगर रोटी कमाने में। और जहां पगपग पर दरिंदे घुमते है आप क्या जाने, वहां मरमर कर जीते है पिता बेटी बचाने में, मियां शाहरुख सलमान है इस दौर के हीरो, भगतसिंह बिस्मिल नही मिलते किसी के भी फसाने में। विनोद भृंग ने पढ़ा कि लाख कौशिश करो कुछ भी गम का नही होगा, मगर दवा दर्द की एक मुस्कान में छुपी है। इनके अलावा आरपी सारस्वत, नरेन्द्र मस्ताना, आसिम पीरजादा ने भी खूब वाहवाही लूटी। राजीव उपाध्याय यायावर ने शानदार संचालन किया। कुलपति प्रो. रणजीत सिंह ने आभार व्यक्त किया। प्रो० महिपाल सिंह, सूफी जहीर अख्तर, डाॅ. प्रशान्त आदि रहे।
रिपोर्ट :- डा० राकेश गर्ग प्रभारी गंगोह विधानसभा।
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