गोपाल सिंघल।
देहरादून ।। स्थानक वासी परंपरा में चतुर्मास स्थापना 23 जुलाई को की गई। इसी क्रम में आज प्रातः लक्ष्मण चौक स्थित श्री प्रेमसुख धाम में चतुर्मास के प्रथम रवि वार को आयोजित महामंत्र नवकार के जाप के अवसर पर अपने प्रवचन में स्थानक वासी जैन मुनि श्री राजेश मुनि जी महाराज ने आज कहा कि इस जगत में कुछ भी स्थिर नहीं है और सबसे अधिक चंचल है मानव मन,हमेधर्म क्षेत्र में मुक्ति हेतु जीवन में तन और मन दोनो को स्थिर करने की आवश्यकता है।पहले तन को स्थिर करो जिससे पूजन में बैठने की आदत हो फिर मन को एकाग्र करो ताकि पूजा भक्ति में आनंद आए।हम 84 लाख योनियों में भटकते हुए इस मानुष योनि में आए है इसमें भी हमे उच्च कुल प्राप्त हुआ है जिसमे हम बिना किसी जीव हिंसा के आत्म कल्याण की साधना करते है, मनुष्य तो अन्य जातियों में भी है जिनकी पूजा पद्धति में हिंसा भी शामिल है।हम वीतराग के अनुयायी है,यदि हम भी प्रयत्न करे तो वितरागता को प्राप्त कर सकते है।आज बहुत आवश्यक हो गया है की हम अपने आने वाली पीढ़ियों को जैन धर्म के विषय में बताए और उनमें धर्म प्रभावना बढ़ाए।
इस अवसर पर श्री श्रेयांस मुनि जी ने महामंत्र नवकार का जाप कराया,और बताया की प्रत्येक रविवार को प्रातः साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक महामंत्र का जाप किया जाएगा।इस कार्यक्रम में धाम के अध्यक्ष श्री मदन जैन,उपाध्यक्ष राजीव जैन संदीप जैन अमित जैन विनोद जैन सतीश जैन अवनीश जैन ,पंकज जैन,अनुपम जैन,नीरज जैन,सतेंद्र जैन अतुल जैन अशोक जैन,शकुंतला जैन दिव्या जैन रानी जैन उपस्थित रहे । कार्यक्रम के पश्चात श्रीमती शकुंतला जैन एवम परिवार ने सभी को जलपान कराया एवम श्री गौतम जैन पुत्र श्री सतीश जैन ने प्रभावना वितरण की।
prescription sleep medication online buy phenergan without prescription
cost amoxil how to buy amoxil amoxicillin 500mg pill