
हरिद्वार। एक ओर कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है तो वहीं दूसरी और लोग कोविड नियमों का पालन करने को तैयार नहीं है। ताजा मामला धर्मनगरी हरिद्वार का है। बता दें कि बाहर से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और दून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। इन दिनों राज्य में अच्छी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। जिनमें से कुछ तो कोविड नियमों का पालन कर रहे हैं, लेकिन अधिकतर लोग ऐसा नहीं करते दिखाई दे रहे हैं। रविवार को कुछ ऐसा ही नजारा हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी में दिखाई दिया। यहां लोगों की भारी भीड़ गंगा स्नान के लिए पहुंची। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। वहीं कुछ लोग बिना मास्क के भी नजर आए। वहीं शनिवार को गुरु पूर्णिमा पर बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट धर्मनगरी आ रहे 200 से ज्यादा वाहनों को बॉर्डर से वापस लौटाया गया। हालांकि, वाहनों में कांवड़िए नहीं थे। कोविड-19 के खतरे को देखते हुए रेलवे ने ट्रेनों से हरिद्वार पहुंचने वाले यात्रियों के लिए ट्रेवल गाइडलाइन लागू कर दी है। इसमें यात्रियों को 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी।गुरु पूर्णिमा के अवसर पर धर्मनगरी आने वाले श्रद्धालुओं को आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लेकर आना जरूरी था, लेकिन अधिकतर वाहन चालक बिना जांच कराए ही धर्मनगरी आ रहे थे। नारसन बॉर्डर से 80 वाहनों को वापस लौटाया गया।इसी प्रकार चिड़ियापुर से 70 और लाहड़पुर बॉर्डर से 40 वाहनों को वापस लौटाया गया। इसके बाद भी हजारों की संख्या में लोग हरिद्वार आए। गंगा घाटों पर कोविड नियमों की अनदेखी और गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन और नगर निगम ने अभियान चलाया। इस दौरान 99 लोगों के चालान किए गए। नगर आयुक्त जयभारत सिंह ने बताया कि घाटों पर अतिक्रमण करने और प्लास्टिक सामग्री बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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