उत्तराखण्ड

नाइट कर्फ्यू की आड़ में मित्र पुलिस की मनमानी के चलते, फ्रंटलाइन वर्कर परेशान

-महिला पत्रकार व अस्पताल से ड्यूटी कर लौट रही महिला कर्मी से बद्सलूकी

-पत्रकारों को जाने ही नहीं दूंगा:मित्र पुलिस

-फ्रंटलाइन वर्कर महिलाओं की सुरक्षा ताक पर

देहरादून:  राजधानी में नाइट कर्फ्यू की आड़ में कुछ पुलिसकर्मी मनमानी पर उतर आए हैं। एक तरफ जहां कोरोना काल में दून पुलिस की तारीफ करते लोग थक नहीं रहे थे, वहीं अब कुछ पुलिसकर्मी मित्र पुलिस की छवि को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यहां तक कि जिन लोगों को नाइट कर्फ्यू में अपने कार्ड आदि दिखाकर आने-जाने की छूट है उनको भी पुलिसकर्मियों द्वारा अनावश्यक परेशान किया जा रहा है।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते दून में हालात बिगड़ रहे हैं। प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में खासी बढ़ोत्तरी हो रही है जिसके चलते सरकार ने शाम सात बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया है। जबकि बाजार बंदी का समय 2 बजे का रखा गया है। इसके साथ ही आवश्यक सेवाओं को बाजार बंदी और नाइट कर्फ्यू में छूट दी गई है।

यहां तक कि अस्पताल से ड्यूटी कर लौटने वालों, समाचार पत्रों में रात्रि पाली में काम करने वालों को भी अपने कार्ड आदि दिखा कर जाने की छूट है।

लेकिन फिर भी कुछ पुलिसकर्मी वर्दी का रौब गांठ कर इन लोगों को भी परेशान कर रहे हैं।

शाम सात बजे से ही पुलिसकर्मी शहर में जगह जगह बैरिकेड कर आने जाने वालों से बाहर घूमने की वजह भी पूछ रहे हैं। अपने आईकार्ड दिखा कर लोग जा सकते हैं,लेकिन बेवजह घूमने वालों पर कार्यवाही भी हो रही है।

बीती रात भी रात्रि पाली से काम कर वापस लौटने वालों को घंटाघर, आराघर बैरियर, फव्वारा चैक बैरियर से जाने दिया गया लेकिन छह नंबर सब्जी मंडी के समीप लगाये गये बैरिकेडिंग पर रोक दिया गया।

इस दौरान महिला पत्रकार, अस्पताल से ड्यूटी कर लौट रही महिला कर्मी व अन्य लोगों को वहां पर रोक दिया गया।

अपने आईकार्ड दिखाने के बावजूद उन्हें वहां से नहीं जाने दिया गया और पुलिसकर्मी वहां से वापस जाने को कहते रहे। जबकि रोड ही क्रास करनी थी लेकिन पुलिसकर्मियों ने अभद्रता करते हुए साफ कह दिया कि घर जाना है तो घूम कर चले जाओ, यहां से नहीं जाने दिया जाएगा।

महिला पत्रकार द्वारा जब अपनी ड्यूटी का हवाला दिया गया तो पुलिसकर्मी का जवाब था कि पत्रकारों को जाने ही नहीं दूंगा।

जबकि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों का कर्तव्य था कि जब महिला कर्मचारी वहां पर घर जाने के लिए बेरिकेडिंग हटाने को कह रही हैं तो वे उनकी मदद करते, लेकिन इन लोगों ने रात के समय महिलाओं की सुरक्षा को ताक पर रख कर अपनी मनमानी की।

इस दौरान इन पुलिसकर्मियों के जान पहचान वाले जो लोग आये उनको जरूर वहां से जाने दिया गया लेकिन महिलाओं के साथ इन पुलिसकर्मियों द्वारा की गई अभद्रता के कारण पुलिस महकमे की छवि पर बट्टा लग रहा है।

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