जातक या जातक पालि या जातक कथाएं बौद्ध ग्रंथ त्रिपिटक का सुत्तपिटक अंतर्गत खुद्दकनिकाय का १०वां भाग हैं। इन कथाओं में भगवान बुद्ध के पूर्व जन्मों की कथायें हैं। जो मान्यता है कि खुद गौतमबुद्ध जी के द्वारा कही गए हैं, हालांकि की कुछ विद्वानों का मानना है कि कुछ जातक कथाएँ, गौतमबुद्ध के निर्वाण के बाद उनके शिष्यों द्वारा कही गयी हैं। प्रत्येक कथा में महात्मा बुद्ध का एक संदेश छिपा है। इनसे सिद्ध होता है कि प्राणी के सद्कार्य उसे किसी न किसी जन्म में अवश्य ही बुद्ध बना देते हैं। प्रत्येक व्यक्ति बुद्ध बन सकता है। वह उस संभावना को कैसे दिशा दे, यह भी बताती हैं ये कहानियां। बुद्ध ने कर्मों पर जोर दिया है। इसलिए इन कहानियों में यह भी दिया गया है कि कौन से कर्म करने योग्य हैं और किन्हें नहीं करना चाहिए। इस प्रकार प्रस्तुत पु्स्तक में महात्मा बुद्ध द्वारा कही गई ऐसी कथाएं हैं जो व्यक्ति को नैतिकता सत्य, धर्म, प्रेम और भाईचारे का संदेश देती हैं।