उत्तराखण्ड

राहतः पिंजरे मेें कैद हुआ गुलदार, मासूम को बनाया था निवाला

कोटद्वार:  गोदी गांव में तीन वर्ष की मासूम को निवाला बनाने वाला गुलदार देर रात पिंजरे में कैद कर लिया गया है। जिसके बाद वन विभाग और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।

बीते 10 अप्रैल को गांव की मासूम बच्ची को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था। जिसके बाद से वन विभाग गुलदार को पिंजरे में कैद करने का प्रयास कर रहा था।पकड़े गये गुलदार की उम्र लगभग 12 वर्ष बताई जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार गोदी गांव में 10 अप्रैल देर शाम को दादी के साथ खेल रही माही तीन वर्ष को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था। जिसके बाद से ही गांव में दहशत का माहौल बना हुआ था।

सूचना मिलते ही वन विभाग ने गांव और आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी और तत्काल गांव के आसपास और गांव आने और जाने वाले रास्तों पर चार ट्रैपिंग कैमरे लगाए थे। साथ ही ग्रामीणों की मांग पर तीन पिंजरे गांव के आसपास लगाए थे।

लेकिन दो दिन तक गुलदार पिंजरे के आसपास भी नहीं आया, वहीं ट्रैपिंग कैमरों की मदद से वन विभाग की एसओजी टीम ने गुलदार के मूमेंट का पता लगाया और पिंजरों के डायरेक्शन को चेंज किया। जैसे ही पिंजरों का डायरेक्शन चेंज किया गया, वैसे ही गुलदार पिंजरे में फंस गया।

लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ दीपक सिंह का कहना है कि यह वन विभाग के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। गुलदार को बिना नुकसान पहुंचाए पिंजरे में कैद कर लिया है। इसमें ट्रैपिंग कैमरों का अहम रोल रहा है। जिसकी मदद से पिंजरे को बार-बार वैज्ञानिक तरीके से बदला जा रहा था और गुलदार पिंजरे में कैद हो गया।

गुलदार को चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर भेजा जा रहा है. जहां पर उसकी मेडिकल जांच होगी, उसके बाद उसे किसी चिड़ियाघर में रखने  पर विचार किया जा रहा है।

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