अनुसूया मंदिर खल्ला में देवी भागवत का आगाज

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महामंडलेश्वर राहुलेश्वरानंद महाराज के सानिध्य में 47 साल बाद आयोजन

गोपेश्वर: महामंडलेश्वर 1008 स्वामी राहुलेश्वरानंद गिरी जी महाराज के सानिध्य में 47 साल बाद श्री सती शिरोमणि माता अनुसूया रथ डोली मंदिर खल्ला में मंगल कलश यात्रा के साथ श्रीमद देवी भागवत कथा (नावाह्न ज्ञान यज्ञ) का शुभारंभ हो गया है।

माता अनुसूया रथ डोली मंदिर खल्ला में मंगलवार को बालखिला नदी में नर नारियों की मौजूदगी में गंगा पूजा की गई। इसके बाद बालखिला से मंगला स्नान यात्रा कलश के साथ मंदिर पहुंची।

कलश को स्थापित कर श्री माता अनुसूया की पूजा अर्चना की गई। मां अनुसूया के जयकारे के बीच नावाह्न ज्ञान यज्ञ, कुमारी पूजन, हवन पूजन, श्री चंडी पूजन के साथ श्रीमद देवी भागवत कथा का आगाज हुआ।

बगलामुखी पीठ ऋषिकेश के स्वामी बेंकटेश्वरानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में 47 साल बाद यह कार्यक्रम ग्राम विकास एवं धर्मस्व समिति खल्ला के सहयोग से 22 अप्रैल तक जारी रहेगा। पुजारी आत्माराम तिवाड़ी, पं भगवती प्रसाद त्रिपाठी, केशव प्रसाद तिवाड़ी, संजय तिवाड़ी व राकेश तिवाड़ी द्वारा धार्मिक क्रियाओं का संचालन किया जा रहा है।

श्रीमद देवी भागवत कथा में बोलते हुए कथा वाचक आचार्य मनोज चमोली ने कहा कि मां दुर्गा अपने पहले स्वरूप में शैल पुत्री के रूप में जानी जाती रही है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के चलते ही नाम शैल पुत्री पडा।

उन्होने कहा कि मां शैल पुत्री अपने पूर्व जन्म में सती के नाम से प्रजापति दक्ष के यहां उत्पन्न हुई थी और भगवान शंकर से विवाह हुआ था। उन्होने कहा कि पार्वती एवं हेमवती के नाम से भी वह जानी जाती है। इसी के चलते नवरात्र पर्व पर पहले दिन उनकी ही पूजा होती है। पूजा अर्चना करने से काम-क्रोध आदि शत्रुओं पर विजय मिलती है।

आचार्य चमोली ने कहा कि चैत्र नवरात्र को ही सृष्टि प्रारंभ माना गया है। सृष्टि इससे पहले शक्तिविहीन थी। नवरात्र से ही उसमें अनेकानेक शक्ति का संचार हुआ। इसलिए चैत्र नवरात्रि प्रमुख शक्ति पर्व है।

उनका कहना था कि मां अनुसूया पुत्रदायिनी के रूप में विख्यात है। इसलिए मां अनुसूया रथ डोली मंदिर खल्ला में भागवत कथा नावाह्न ज्ञान यज्ञ से रिद्धि सिद्धि की प्राप्ति होगी। उन्होने लोगों से इस दौरान मां अनुसूया देवी का जप-ताप करने का आह्वान करते हुए कोरोना समेत तमाम महामारियों से निजात की मनौती भी मांगी।

उन्होने कहा कि 47 साल बाद सती शिरोमणि माता अनुसूया रथ डोली मंदिर खल्ला में यह बड़ा धार्मिक आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर ग्राम विकास एवं धर्मस्व समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी बगलामुखी पीठ ऋषिकेश के श्री 1008 राहुलेश्वरानंद गिरी महाराज के सानिध्य में प्रारंभ हुए धार्मिक आयोजन पर आभार जताया। इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है।