उत्तराखण्ड

आईरिस रिकॉग्निशन के आधार पर एंट्री देने की तैयारी

देहरादून: लोक सेवा आयोग परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों में अब आईरिस रिकॉग्निशन के आधार पर एंट्री देने की तैयारी कर रहा है।

अब तक परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों में बायोमेट्रिक हाजिरी के माध्यम से प्रवेश करते थे तो वहीं कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अब ये फैसला लिया गया है।

दरअसल, बायोमेट्रिक हाजिरी में इस बात का खतरा बना रहता है कि इससे कोरोना संक्रमण अन्य परीक्षार्थियों पर न फैल जाए।

लिहाजा आयोग ने फेस रिकॉग्निशन और आईरिस रिकॉग्निशन की व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इसके लिए टेंडर भी आमंत्रित किए गए हैं। ऐसे में जिस कंपनी का भी चयन किया जाता है व कंपनी अगले 3 सालों तक परीक्षा केंद्रों में फेस रिकॉग्निशन और आईरिस रिकॉग्निशन की व्यवस्था करेगी।

बायोमेट्रिक की तुलना में फेस रिकॉग्निशन और आईरिस रिकॉग्निशन ज्यादा सुरक्षित भी है।

अक्सर ऐसा देखने में आया है एक व्यक्ति अंगूठे का फर्जी निशान बायोमेट्रिक मशीन लगाकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर जाता है।

लेकिन फेस रिकॉग्निशन और आईरिस रिकॉग्निशन में इस तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकता।

वैज्ञानिक दृष्टि से एक व्यक्ति की आंख की पुतली किसी अन्य व्यक्ति की आंख की पुतली से मेल नहीं खा सकती। वहीं न ही इसका कोई डुप्लीकेट बनाया जा सकता है।

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