रूद्रप्रयाग टनल के लिए 225 करोड़ स्वीकृत

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देहरादून:  मुख्यमंत्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय नितिन गडकरी से भेंट की।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में रोड कनेक्टीवीटी के विकास में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री का बहुत आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने आईएसबीटी, देहरादून बस अड्डा की सडक परियोजना के लिए 48 करोड रूपए की स्वीकृति पर सहमति दी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रूद्रप्रयाग टनल निर्माण के लिए लगभग 225 करोड़ रूपए स्वीकृत हो गए हैं, इस पर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

इसके साथ ही उत्तराखण्ड में नए राष्ट्रीय राजमार्ग में बाईपास की गई पुरानी सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी 69 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हरिद्वार-देहरादून एनएच पर जोगीवाला में जाम की समस्या को दूर करने पर सहमति व्यत्तफ करते हुए राज्य सरकार से इसका प्रस्ताव जल्द भेजने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेशकृभानियावाला मोटर मार्ग चारधाम यात्रा में शॉर्ट लिंक मार्ग है।जौलीग्रांट एयरपोर्ट भी ऋषिकेश भानियावाला के मध्य स्थित है।

इस मार्ग के व्यापक महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इसे राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 6 राजमार्गों (कुल लम्बाई 524 किमी) को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किए जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

इनमें लक्ष्मणझूला कृदुगड्डाकृनैनीडाडाकृमोहनकृ रानीखेत (274किमी), पाण्डुआखाल कृनागचूलाखाल उफरैखालकृबैजरो (64 किमी), खैरना-रानीखेत (34 किमी). बुआखालकृदेवप्रयाग (49 किमी). देवप्रयाग-गजाकृखाड़ी (70 किमी), बिहारीगढ़-रोशनाबाद (33 किमी) शामिल है।

मुख्यमंत्री ने इन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में अधिसूचित किये जाने का अनुरोध किया। बैठक में उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव राधिका झा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डा पराग मधुकर धकाते व केंद्र सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।

वहीं दूसरी ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय जलशत्तिफ मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भी भेंट की।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में 6 सीवेज शोधन संयंत्र और सीवर लाईन (अनुमानित लागत 228 करोड़ 40 लाख रूपये) के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर 8 स्नान व मोक्ष घाट (अनुमानित लागत 22 करोड़ 04 लाख रूपये) के प्रस्ताव को भी स्वीकृति देने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लखवाड़ परियोजना पर कैबिनेट क्लियरेंस व किसाऊ परियोजना पर राज्यों के बीच में समझौता भी जल्द ही हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र पोषित बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत 1108 करोड़ 38 लाख रूपये की 38 बाढ़ सुरक्षा योजनाओं को वर्ष 2014कृ15 व 2015-16 में भारत सरकार द्वारा टेक्नो इकोनोमिक क्लीयरेंस प्रदान की जा चुकी है।

अब इनके इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस की स्वीकृति अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अतिवृष्टि व दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त सिंचाई योजनाओं के जीर्णोद्धार, पुनरोद्धार व सुदृढ़ीकरण को भी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी में शामिल किया जाए।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-हर खेत को पानी के अंतर्गत उत्तराखंड में 349 करोड़ 39 लाख रूपये लागत की 422 नयी योजनाओं का प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने इनकी स्वीकृति का अनुरोध किया।

केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को जलशत्तिफ मंत्रालय से हर सम्भव सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य से संबंधित सभी लम्बित मामलों का एक माह में निस्तारण कर दिया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को वीर दुर्गादास की प्रतिमा भी भेंट की।