उत्तराखण्ड

अतिक्रमण हटाने के दौरान नोकझोंक

कोटद्वार:  क्षेत्र में इन दिनों हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। इस दौरान नगरवासियों और व्यापारियों ने नगर निगम पर आरोप लगाया कि वह सरकारी भवनों से हुए अतिक्रमण को नहीं हटा रहे हैं।

जबकि नगर आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि सरकारी जमीन पर कोई सरकारी बिल्डिंग अगर बनी हुई है तो वह अतिक्रमण नहीं है।

बता दें कि उच्च न्यायालय के ओर से जारी निर्देशों के आधार पर प्रशासन ने कोटद्वार नगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया जा रहा हैं। इस दौरान व्यापारी और नगर निगम के अधिकारियों के बीच झड़प भी हुई।

व्यापारियों ने नगर निगम पर आरोप लगाया कि नगर निगम का कार्यालय, मालवीय उद्यान के दोनों पार्क, कोटद्वार कोतवाली के बाउंड्री वाल, तहसील प्रशासन की बाउंड्री वाल एवं उप जिलाधिकारी का आवास अतिक्रमण की जद में है। लेकिन नगर निगम ने यह अतिक्रमण नहीं हटाया. व्यापारियों और नगर वासियों को जबरन अतिक्रमण के नाम पर सताया जा रहा है। वहीं, नगर आयुक्त पीएल शाह ने बताया कि कई जगह से शिकायत आ रही है कि नगर निगम थाना तहसील की जो बिल्डिंग है वह भी अतिक्रमण की जद में है।

अगर नगर निगम राष्ट्रीय राजमार्ग या अन्य मार्गों की चैड़ाई को कम नहीं करता है तो वह अतिक्रमण की श्रेणी में नहीं है। अगर सरकारी भवन राष्ट्रीय राजमार्ग या अन्य  मार्गों की चैड़ाई को कम करते हैं या उनके मानकों के तहत नहीं बने हैं तो वह अतिक्रमण की श्रेणी में होगा, उसको हटाया जायेगा।

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