उत्तराखण्ड

एडिटर्स गिल्ड की मीडिया संस्थानों को सलाहः किसान आंदोलन पर जिम्मेदार पत्रकारिता के साथ निष्पक्ष व सन्तुलिति कवरेज करें

प्रदर्शनकारी किसानों को खालिस्थानी और राष्ट्र विरोधी के तौर पर पेश ना करे मीडियाः एडिटर्स गिल्ड

संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करने वालों के खिलाफ कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए

देहरादून:   एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इडिया ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर मीडिया की भूमिका पर चिंता जताई है। प्रदर्शनकारी किसानों को मीडिया द्वारा खालिस्थानी और राष्ट्र विरोधी बताने को लेकर एडिटर्स गिल्ड ने नाराजगी जताते हुए एक एडवाइजर जारी की।जिसमें गिल्ड ने मीडिया संस्थनों को निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता करने की सहला दी है।

शुक्रवार को एडिटर्स गिल्ड ने एडवाइजरी जारी करते हुए एक बयान मे कहा कि हम समाचारो के उन कवरेज के बारे में चिन्तित है।  जिसमें मीडिया के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे किसानों को खालिस्थानी और राष्ट्र विरोधी बताया जा रहा है। बगैर किसी साक्ष्य के प्रदर्शन को अवैध ठहराने के लिए इस तरह के शब्दो का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। एडिटर्स गिल्ड नेे इसे मीडिया की विश्वसनीयता को खतरे मे बताया।

एडिटर्स गिल्ड की प्रमुख सीमा मुस्तफा ने कहा कि, एडिटर्स गिल्ड मीडिया को किसानों के प्रदर्शन की रिपोर्टिंग में निष्पक्षता के साथ सन्तुलन व  जिम्मेदार पत्रकारिकता करने की सलाह देता है। उन्हाने अपने बयान मे कहा कि संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करने वलों के खिलाफ मीडिया पक्षपात न करे। मीडिया को किसी एक के पक्ष में शमिल होकर रिपोर्टिंग नही करनी चाहिए। व प्रदर्शनकारी किसानों को अपमानित करने वाले किसी भी विमर्श में मीडिया को संलिप्त नहीं होना चाहिए।

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