सैंपलिंग की सुस्त रफ्तार, धड़ल्ले से हो रहा है मिलावट का कारोबार

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त्योहारी सीजन में शुरू हो जाता है मिठाइयों और खाद्य पदार्थों में मिलावट का खेल

 खाद्य सुरक्षा विभाग के सैंपलिंग अभियान पर भी उठते रहे हैं सवाल

देहरादून:  रुड़की में कुट्टू के आटे से बनी पूरिया खने के बाद लोगों के बीमार होने की घटना के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने नींद से जागते हुए शहर में सैंपलिंग अभियान जरूर शुरू किया लेकिन इस अभियान की सुस्त रफ्रतार को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

वही त्योहारी सीजन में मिलावटी मिठाइयों और खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग का अभियान कब से शुरू किया जाएगा, इसको लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे भी खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर पहले से ही प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं। त्योहारों में अभियान देर से शुरू करने और खाद्य पदार्थ में मिलावट सामने आने के बावजूद, दुकानदारों पर कार्रवाई न किए जाने को लेकर भी विभागीय अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है। गौरतलब है कि रूड़की में कुट्टू का आटे से बना भोजन खाने से लगभग 115 लोग बीमार हो गये थे। रूड़की में हुए इस मामले के बाद अब देहरादून में भी खाघ सुरक्षा विभाग जाग गया।

त्योहारी सीजन में मिलावट और एक्सपायरी डेट की खाघ सामग्री की बिक्री को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी शहर में जांच शुरू तो कर दी है, लेकिन सुस्त रफ्तार को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विदित हो कि नवरात्र के व्रत खोलने के लिए बीते रोज रूड़की में कुछ लोगों द्वारा कुट्टू के आटे से बनी पूरी और परांठे खाने से कई लोग बीमार पड़ गये। जिन्हें रूड़की के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इस तरह से लगभग 115 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। त्योहारी सीजन के बावजूद कुंभकर्णी नींद में सो रहा खाद्य आपूर्ति विभाग इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बीमार होने के बाद जागा और ताबड़तोड़ छापेमारी की।

विभाग की टीम ने पांच दुकानों से कुट्टू के आटे के सैंपल लिये। इसके अलावा भी विभागीय टीम की कार्रवाई चल रही है। वहीं देहरादून में भी खाद्य आपूर्ति विभाग की भी नींद टूट गई है। विभाग ने भी आज से कार्रवाई के लिए 6 टीमों का गठन किया है। जो एक्सपायरी डेट की खाद्य सामग्री और व्रत के लिए सेवन किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के आटे व अन्य खाद्य सामग्री की जांच करेगी। जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी गणेश कण्डवाल के अनुसार त्योहारी सीजन में खाद्य सामग्रियों का सैंपल लिया जाएगा। और उनको जांच के लिए भेजा जाएगा। एक्सपायरी डेट या मिलावटी सामान मिलने पर कार्रवाई भी की जाएगी। उल्लेखनीय है कि त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों में मिलावट बढ़ जाती है। वैसे तो बिना मिलावट की मिठाई या अन्य खाद्य सामग्री मिलना नामुमकिन है और यह बात खाद्य आपूर्ति विभाग भी जानता है लेकिन कार्रवाई के नाम पर सब मौन साध लेते हैं। वहीं त्योहारी सीजन के समय टीमें मैदान में उतरती हैं पर कार्रवाई के नाम पर ढाक के तीन पात। नवरात्र के समय कुट्टू के आटे से बने भोजन को खाने से लोग बीमार पड़ते हैं, और उसके बाद विभाग को कार्रवाई की याद आती है। अन्यथा इससे पहले न तो कोई सैंपलिंग होती है, और न ही कार्रवाई। वहीं इस अभियान में जो सैंपल लिए जाते हैं उनकी रिपोर्ट बाद में आती है।