देहरादून: डॉ. ज्ञानेंद्र मणि ने आज नाबार्ड उत्तराखंड क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून के मुख्य महाप्रबंधक का कार्यभार संभाला। ज्ञानेंद्र मणि ने जी.बी. पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखंड से कृषि अर्थशास्त्र में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की. एक व्यावसायिक बैंकर्स होने के साथ-साथ डॉ. मणि ने अकादमिक दुनिया में उल्लेखनीय योगदान दिया है. मणि जी के 100 से अधिक लेख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं, समाचार पत्रोंमेंअध्ययन रिपोर्टों, शोध पत्रों, पुस्तकों आदि के रूप में प्रकाशित हो चुके हैं. बैंकिंग और शिक्षा के क्षेत्र में विविध अनुभव रखने वाले मणि जी ने नाबार्ड के ओडिशा, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालयों और मुम्बई में प्रधान कार्यालय में एक अधिकारी के रूप में अनेक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है।
बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (बर्ड), लखनऊ में संकाय सदस्य के रूप में भी योगदान दिया. डॉ. मणि ने नाबार्ड की ओर से कई परियोजनाओं पर सलाहकार की भूमिका निभाई जिसमें भारत सरकार की स्वर्णजयंती ग्रामीण स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) का मूल्यांकन भी शामिल है, जो वर्तमान में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के रूप में चल रही है. उन्होंने बर्ड में रहते हुए‘जर्नल की कल्पना की और इसे प्रकाशित किया.2009 से 2015 तक, आपने जर्नल के प्रमुख संपादक के रूप में कार्य किया.आपने नाबार्ड की ओर से माइक्रोफाइनेंस, कृषि मूल्य संवर्धनआदि पर कई राष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों का समन्वय किया है. अरुणाचल प्रदेश में अपने कार्यकाल के दौरान अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ मिलकर “अरुणाचल प्रदेश में रिसर्जेंट एग्रीकल्चर एंड अलाइड सेक्टर्स के लिए परिप्रेक्ष्य योजना” पर राज्य स्तरीय कॉन्क्लेव किया, जिसमें राज्य के कृषि और संबद्ध क्षेत्र के विकास का रोडमैप तैयार करने में मदद की गई.इसके लिए राज्य सरकार ने राज्य दिवस के अवसर पर आपको स्वर्ण पदक से नवाजा.बर्डमें एक संकाय सदस्य के रूप में, आपने इजराइल और नीदरलैंड्स जैसे देशों के वरिष्ठ बैंकरों के लिए कई एक्सपोजर विजिट आयोजित किए. मणि जी वर्तमान में कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार के द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम के डिजाइन करने के लिए ‘नेशनल रिसोर्स पर्सन’ हैं। उन्होंने यह कार्यक्रम एलबीएसएनएए, मसूरी और अन्य राज्य सरकारों के प्रशासनिक कॉलेजों में वरिष्ठ नौकरशाहों के लिए चलाया है।
2001 में राज्य के गठन के समय से ही नाबार्ड उत्तराखण्ड क्षेत्रीय कार्यालय, राज्य सरकार के साथ कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास तथा विशेष रूप से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में सहयोग कर रहा है. वर्तमान परिस्थितियों मेंजब कृषि क्षेत्र जीडीपी विकास में एकमात्र सिलवर लाइन है, उसके तहत नाबार्ड भारत सरकार तथा राज्य सरकार की महत्वकांशी परियोजना कृषक उत्पादक संगठन का गठन व संवर्धन करकिसानों की आय दोगुनी करनेसंतृप्ति केसीसी के साथ राज्य के कृषक समुदाय, कृषि की आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करनेमें सहयोग करना है. साथ ही राज्य एग्री बाजार को नेशनल ई-मार्केट पर लाना, राज्य ग्रामीण सहकारी बैंकों क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को संस्थागत विकास में सहयोग, सार्वजनिक और प्राइवेटबैंकोंऔर अन्य हितधारकों के साथ समन्वय कर विकासात्मक कार्यों को आगे बढ़ाना है। डॉ. मणि के नेतृत्व में राज्य में नाबार्ड के प्रचार और विकासात्मक कार्यक्रमों को और मजबूत किया जाएगा।
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