गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ विराजे गणपति

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देहरादून। गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारों के साथ आज शुभ मुहूर्त में गणेश भगवान घरकृघर में विराजे। इस बार बड़े स्तर पर पाण्डाल नहीं लगे हैं लेकिन अपने पर्वों के प्रति आस्था के चलते लोगों ने अपने घरों में छोटीकृछोटी मूर्तियां स्थापित कर भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाया।

प्रथम पूजनीय भगवान गणेश का दस दिवसीय महोत्सव आज से शुरू हो गया है। महाराष्ट्र में दस दिनों तक उल्लास और धूमधाम से मनाया जाना वाला त्योहार अब पूरे देश में मनाया जाने लगा है। देहरादून में भी गणपति महोत्सव की धूमधाम अब हर साल दिखाई देती है। तीन, पांच या सात दिनों तक पाण्डाल सजाये जाते हैं। दिनकृरात भजनकृकीर्तन, जागरण होते हैं। बप्पा से अगले वर्ष आने की कामना कर धूमधाम से उनका विसर्जन किया जाता है।

इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते इतने बड़े आयोजन तो नहीं हो रहे हैं लेकिन अपनी आस्था त्योहार का उल्लास लोगों ने खत्म नहीं होने दिया है।
भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाये जाने वाले इस त्योहार प्रथम पूजनीय भगवान गणेश को लोग अपनी श्रद्धा के साथ घरों में लेकर आए और शुभ मुहूर्त में प्रतिमा की स्थापना की। माना जाता है भाद्रपद में भगवान गणेश की उपासना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार गणेशोत्सव पर ग्रहकृनक्षत्रों का शुभ संयोग बन रहा है। 126 साल बाद सूर्य और मंगल अपनीकृअपनी स्वराशि में हैं। सूर्य अपनी सिंह राशि में हैं तो मंगल भी अपनी मेष राशि में विराजमान है।

इस विशेष संयोग से पुण्यलाभ अर्जित करने के लिए लोगों ने शुभ मुहूर्त में गणपति महाराज की पूजाकृअर्चना की। इस दौरान घरों में लोगों ने कीर्तनकृभजन कर भगवान की आराधना की। वहीं पर्यावरण को देखते हुए लोगों ने घरों में गोबर, कागज आदि से बने गणेश की मूर्तियां भी स्थापित कीं। इनकों विसर्जित करना बेहद आसान होता है और पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है।